अनुभूति द्वय अनंतरित विश्यंद
षटरस पूरित अवध्वस्त यामिनी
सिहरे …सिमटे , चकात चांदनी
खोले अवनद्ध अनगिन भोथर वातायन
नितप्रति आयोजन ,स्तिमित मंथन शोधन
निद्राविहीन निशाचर लोचन
(अनंतरित -अखंड अटूट ,विश्यंद-क्षरण ,अवध्वस्त-तिरस्कृत ,चकात -भौचक से भी ज्यादा अवाक होना ,अवनद्ध-ढका/बंधा,भोथर-जंग लगा जिसकी उपयोगिता क्षीण हो ,स्तिमित-आद्र /स्थिर)
ओह !
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areee
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