बस एक सूत

साँसों की यांत्रिक गति ,जीवन दूर बस एक सूत
गहरा कुहासा निस्तेज गोलक ,स्मृति दूर बस एक सूत
सम्पूर्ण भाव सम्पदा अरण्य वैभव ,कलरव दूर बस एक सूत
सम्मुख अंतस अस्तित्व विस्तार ,छुवन दूर बस एक सूत
परोक्ष  परीक्षा पावक ताप ,पावस दूर बस एक सूत
युगीन नीलकंठ रौद्र क्षुब्ध ,रुद्राक्ष दूर बस एक सूत
मुंदी  पलकें ह्रदय हिलोर ,नींद दूर बस एक सूत
चिन्ह भाव हर ह्रदय कोण ,प्रतीक दूर बस एक सूत
घनीभूत नित प्रति आकांक्षाएं ,वैराग्य दूर बस एक सूत

(चिन्ह-निष्प्राण होते हैं जो मात्र निर्देश देते हैं प्रतीक-जीवंत होतेहैं जो सत्य का प्रतिनिधित्व करतेहैं शक्ति और सत प्रेरणा देते हैं)

8 thoughts on “बस एक सूत

  1. aaapki baate aapke udagaar aapka likha hua sab kuch …
    samjhne ke liye bahut bahut bahut deep mai jaana parta hai didi
    per jab samjh aata hai tab pata chalata hai , kitna saarthak
    likh deti ho aap , shabdo ka taana baana bunker ek jo bhi
    saaransh sandharabh vyakhya banti hai , it is rteally amazing
    fir chahaen wo chuvan hoon mukhota ho , maun mera mook hoga ho
    and ab ek baar se ye Bus ek Soot ho ….. sach mai i am lucky to be in touch wit
    u , kitna kuch seekhne ko milta……..

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    • hmm..
      .par ye alag baat hai ki mein sabse acchi wali didi nahi hun…:)

      m always alway always there for you ankit…aur mein bhi utni hi kismat wali hun ki mera munnu sa iceberg bro…di ko kitna khush kar jata hai…god bless

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  2. शब्दों और भावो को गुमान होता होगा की वो आपके चेरी है . चिन्हों और प्रतीकों की बीच सूक्ष्म अंतर को रेखांकित करने का आभार . सीखने को बहुत कुछ मिलता है यहाँ

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    • सर्व समर्थ भाई मुझसे कुछ सीखने की बात कह रहा है तो … स्नेहाशीष के साथ मेरे पास अगर कुछ भी है तो निःसंदेह सार्थक हाथों जायेगा इसका गुमान भी होगा मुझे ….stay blessed

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  3. कविताओं या लिखे तक पहुँच ही कहा पाया …
    जो सबसे ऊपर लिखा है …. बस वही लिख गया अंतस में … इस जन्म में आपके चरणों पर माथा रख पाने की उम्मीद छोड़ दिया है अब ..हो सकता है यही पूनर्जन्म का हेतु बने … बाकी उनकी इच्छा !
    ईमेल से अब सूचना मिल जायेगी आपके लिखे की subscribe कर लिया है .

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